वायुसेना की बढ़ेगी ताकत, 130 किमी की मारक क्षमता वाली एस्ट्रा मार्क-2 मिसाइल का इस साल होगा परीक्षण
अगले कुछ महीनों में 120-130 किमी की स्ट्राइक रेंज एस्ट्रा मार्क-2 हवा से हवा में पहला परीक्षण करने की योजना है।
90' किमी की मारक क्षमता वाली हवा से हवा में मार करने वाली एस्ट्रा मार्क-1 मिसाइल पहले से भी वायुसेना में है।
नई दिल्ली। वायु सेना के लड़ाकू बेड़े की क्षमता इस साल बढ़ने वाली है। अगले कुछ महीनों में 120'30 किमी की स्ट्राइक रेंज एस्ट्रा मार्क-2 हवा से हवा में पहला परीक्षण करने की योजना है। 90' किमी की मारक क्षमता वाली हवा से हवा में मार करने वाली एस्ट्रा मार्क' मिसाइल पहले से भी वायुसेना में है। पहले से ही एलसीए तेजस और एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के साथ एकीकृत है।
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अगले कुछ महीनों में होगा एस्ट्रा मार्क-2 का परीक्षण
रक्षा अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि 120 से 130 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज वाली एस्ट्रा मार्क-2 मिसाइल को बनाने का काम चल रहा है। हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल का अगले कुछ महीनों में पहला परीक्षण किया जाएगा।
एस्ट्रा मार्क-3 को बनाने की दिशा पर चल रहा काम
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन एस्ट्रा मार्क' और एस्ट्रा मार्क-2 के साथ-साथ लंबे वर्जन एस्ट्रा मार्क-3 को विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है। लड़ाकू विमानों के साथ इसे उल्कापिंड मिसाइलों के समान क्षमता प्रदान करेगा।
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मिसाइलों की आपूर्ति के लिए अनुबंध
रक्षा अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान के पास लंबी दूर की चीनी हवा से हवा में मार करने वाली पीएल'5 मिसाइलें हो सकती हैं, लेकिन इसकी क्षमताओं के बारे में उनके द्वारा किए गए दावों के बारे में स्पष्टता नहीं है। रक्षा मंत्रालय ने पहले ही वायु सेना और नौसेना के लिए हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल की आपूर्ति के लिए भारत डायनेमिक्स के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
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